ये आंखे मन की ज्योति है, जब मन दुखता तब रोती है। य | हिंदी कविता Video

"ये आंखे मन की ज्योति है, जब मन दुखता तब रोती है। ये तन थक जाए तो आंखे,, रात में तो सोती है।। आंखों की तेज कटार से, मन मेरा लाश बन गया। इन आंखों से ही सारा,, संसार भी बदल गया।। ©Satish Kumar Meena "

ये आंखे मन की ज्योति है, जब मन दुखता तब रोती है। ये तन थक जाए तो आंखे,, रात में तो सोती है।। आंखों की तेज कटार से, मन मेरा लाश बन गया। इन आंखों से ही सारा,, संसार भी बदल गया।। ©Satish Kumar Meena

आंखे

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