White ऐ इश्क़ तेरे हर पैग़ाम ने केवल दिल जलाया....
बे-यकीनी बे-कद्र का मतलब सिखाया....
सुर्ख पत्ते सी जो हालत आज़ बनाई तूने ,
फ़िर तिरा नाम न आए ये हसीं सितम भी ढाया...
अब क्या ज़ाहिर करूं मैं इश्क़ ए रवानी फिज़ा को ,
बस ज़हर घोल के सांसों में सिसकती आह पाया...
लाज़िम था ये अंजाम भी वस्ल की चाह में मुर्शद ,
वो इश्क़ इश्क़ ही क्या जिसने न रात दिन सताया...
©Deepanshi Srivastava
#Emotional