नज़ाकत तुम में है... इबादत तुम में है...
शरारत तुम में है... कशिश भी तुम में है...
मुझ में भी मैं कहाँ बचा अब...
मेरा जो कुछ भी है, सब तुम में है..
नज़ाकत तुम में है... इबादत तुम में है...
शरारत तुम में है... कशिश भी तुम में है...
मुझ में भी मैं कहाँ बचा अब...
मेरा जो कुछ भी है, सब तुम में है..
#Chaahat