वादा" अब यहाँ से जाना बहुत जरूरी है मेरा, उससे | हिंदी Shayari

""वादा" अब यहाँ से जाना बहुत जरूरी है मेरा, उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। किसी के रहने या ना रहने से क्या फ़र्क पड़ता है? मगर उसकी दुनिया में होना, अब जरूरी है मेरा। उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। मुझे चैन नहीं मिलता , कहीं आराम नहीं मिलता, मुस्कुराता हुआ देख उसको, मुस्कुराना जरूरी है मेरा। अब ना रोकना मुझे, किसी षडयंत्र से यहाँ मेरे दोस्तों, जाने भी दो यारों, अब जाना बहुत जरूरी है मेरा। उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। वो कर रही होगी , इंतेज़ार मेरा "नर्मदा नदी" के किनारे, उससे "सेठानी घाट" पर जाके मिलना, अब जरूरी है मेरा। उसका वादा है मुझसे "शमी" ताउम्र आसपास रहने का, उसके शहर में जाकर, अब घर बनाना जरूरी है मेरा। उससे किया हुआ "वादा", अब निभाना जरूरी है मेरा। वो जा ना सकेगी बगैर मेरे, तय की गई तीर्थ यात्रा पर, उसके साथ "कैलाश मानसरोवर" जाना, जरूरी है मेरा। उससे किया हुआ "वादा", अब निभाना जरूरी है मेरा। ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)"

 "वादा"

अब यहाँ से जाना बहुत जरूरी है मेरा, 
उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। 
किसी के रहने या ना रहने से क्या फ़र्क पड़ता है?
मगर उसकी दुनिया में होना, अब जरूरी है मेरा। 

उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। 

मुझे चैन नहीं मिलता , कहीं आराम नहीं मिलता, 
मुस्कुराता हुआ देख उसको, मुस्कुराना जरूरी है मेरा।
अब ना रोकना मुझे, किसी षडयंत्र से यहाँ मेरे दोस्तों,
जाने भी दो यारों, अब जाना बहुत जरूरी है मेरा। 

उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। 

वो कर रही होगी , इंतेज़ार मेरा "नर्मदा नदी" के किनारे, 
उससे "सेठानी घाट" पर जाके मिलना, अब जरूरी है मेरा। 
उसका वादा है मुझसे "शमी" ताउम्र आसपास रहने का,
उसके शहर में जाकर, अब घर बनाना जरूरी है मेरा। 

उससे किया हुआ "वादा", अब निभाना जरूरी है मेरा। 

वो जा ना सकेगी बगैर मेरे, तय की गई तीर्थ यात्रा पर,
उसके साथ "कैलाश मानसरोवर" जाना, जरूरी है मेरा।

उससे किया हुआ "वादा", अब निभाना जरूरी है मेरा।

©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)

"वादा" अब यहाँ से जाना बहुत जरूरी है मेरा, उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। किसी के रहने या ना रहने से क्या फ़र्क पड़ता है? मगर उसकी दुनिया में होना, अब जरूरी है मेरा। उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। मुझे चैन नहीं मिलता , कहीं आराम नहीं मिलता, मुस्कुराता हुआ देख उसको, मुस्कुराना जरूरी है मेरा। अब ना रोकना मुझे, किसी षडयंत्र से यहाँ मेरे दोस्तों, जाने भी दो यारों, अब जाना बहुत जरूरी है मेरा। उससे किया हुआ वादा, निभाना जरूरी है मेरा। वो कर रही होगी , इंतेज़ार मेरा "नर्मदा नदी" के किनारे, उससे "सेठानी घाट" पर जाके मिलना, अब जरूरी है मेरा। उसका वादा है मुझसे "शमी" ताउम्र आसपास रहने का, उसके शहर में जाकर, अब घर बनाना जरूरी है मेरा। उससे किया हुआ "वादा", अब निभाना जरूरी है मेरा। वो जा ना सकेगी बगैर मेरे, तय की गई तीर्थ यात्रा पर, उसके साथ "कैलाश मानसरोवर" जाना, जरूरी है मेरा। उससे किया हुआ "वादा", अब निभाना जरूरी है मेरा। ©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)

#नर्मदापुराम

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