रास्ते वही है मुसाफिर वही है.. दिन भी वही रातें भी | हिंदी शायरी
"रास्ते वही है मुसाफिर वही है..
दिन भी वही रातें भी वही है..!!
ज़िंदगी के हर गम भी वही है..
बस कुछ भी नया नही है..!!
मगर अपने अपने मुक़ाम पर..
तुम भी नही और हम भी नही हैं..!!"
रास्ते वही है मुसाफिर वही है..
दिन भी वही रातें भी वही है..!!
ज़िंदगी के हर गम भी वही है..
बस कुछ भी नया नही है..!!
मगर अपने अपने मुक़ाम पर..
तुम भी नही और हम भी नही हैं..!!