आगे अँधेरा सुनसान रास्ता था, हिम्मत कर हम आगे बढ़ें | हिंदी शायरी
"आगे अँधेरा सुनसान रास्ता था, हिम्मत कर हम आगे बढ़ें और मंजिल तक पहुंचने के करीब थे,
कि उनका साथ छुट गया और हमारा भरोशा भी,
वो लोटने कि अगर अब कोशिश भी करेगे,
तो हम लोटने कि इजाज्त नहीं देगे
प्रियंका झा"
आगे अँधेरा सुनसान रास्ता था, हिम्मत कर हम आगे बढ़ें और मंजिल तक पहुंचने के करीब थे,
कि उनका साथ छुट गया और हमारा भरोशा भी,
वो लोटने कि अगर अब कोशिश भी करेगे,
तो हम लोटने कि इजाज्त नहीं देगे
प्रियंका झा