खुशी है तुम्हारी चाहते
मगर हम ईश्वर को नहीं मानते
समझना तुम भी हो चाहते
मगर हमें समझ नहीं पाते वादे तो
बहुत किए थे तुमने
मगर तुम निभा नहीं पाते
बातें तो बहुत है तुमसे करनी
मगर तुम बात करना ही नहीं चाहते
हम प्रार्थना करते हैं तुम्हारी खुशी की
मगर क्या करें जब हम रब को नहीं मानते
कोशिश करते हैं हम तुम्हारी खुशी की
मगर हम देख नहीं पाते
©Ajay Tripathi