सुनो सुंदर लड़की
आसान तो नही होता सुंदर हो जाना
सुंदर शरीर में रहके सुंदर बन जाना
प्रेम, कर्तव्य दया,लज्जा, सज्जा, स्वाभिमान, धैर्य ,निष्ठा, प्रतिष्ठा, बलिदान आदि आदि ना जाने ऐसे कितने अलंकारों में समा जाती हो तब जा के सुंदर कहलाती हो।
सुनो सुंदर लड़की
क्यों तुम को ही परखा जाता
क्यों तुम को ही समाज की धुरी बना जांचा जाता,
क्यों ना तुम जी सकती अपनी शर्तो पर
क्यों बन जाती आंखों की किरकिरी जो अपने लिए सोचो तुम जरा सा सुख जो अपने लिए खोजो तुम। हो जाती हो बदसूरत अगर नकार दो हिदायतो को लकीर के फकीर रिवाजों को।
सुनो सुंदर लड़की
जो रहना है तुम्हे चिर सुंदर तो बंद कर लो अपनी आंखे और कान ना देखो सपने और ना भरो ऊंची उड़ान, काट डालो पंख अपने और किसी कोने में छुप के बैठो निष्प्राण।
सुनो सुंदर लड़की आसान नहीं होता सुंदर हो जाना
©दीपिका सिंह
#Pattiyan