प्रिय श्री कृष्ण......आपका प्रताप.....
श्याम वर्ण मनमोहक प्रतिभा।
वस्त्र पीताम्बर धारी हैं।।
हाथ बाँसुरी अनामिका चक्र।
शोभा बड़ी निराली है।
भाद्रपद कृष्ण अर्ध रात्रि।
गजराज बन्दी गृह जन्म भयो।
महारानी देवकी उनकी महतारी है।
पालन पोषण नन्दबाबा के घर भयो ।
यशोदा मैया की रखवारी है।
दुष्ट विनाशन को जन्म लियो द्वापर मे।
श्री नारायण मेरौ स्वामी है।
मामा कंस का काल बनो।
महाराजा उग्रसेन का नाती है।
इनकी छवि मे कवि"प्रताप"न्यौछावर है।
नयना उसके तरस रहे बस मनमोहक
छवि काअभिलाषी है।।
©-प्रताप
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