सवाल सवाल नहीं e - जान जज्बात का कहां गुजारा तून | हिंदी Poetry Video

"सवाल सवाल नहीं e - जान जज्बात का कहां गुजारा तूने हर एक पल पिछली रात का तमन्ना जिस्म की क्यों करता है तू "दीप " जब रूह से मुकम्मल है प्यार "दीप " डूब गया वो शक्श , जिसकी कभी ये कहानी थी रूठ गया वो अश्क, जो कभी ना उतरा , रूठी जवानी थी । गहरा है ज़ख़्म जरा सा फिरता रहा मैं तेरे गांव – आवारा सा बेवक्त ही तुजसे दूर हुआ मै मयझाने में गिरा एक तिनका ,, नशे में चूर हुआ मैं अक्सर आशिक़ क्यों मात खा जाता है इश्क में ज़रा सा गम पाकर बह जाता है अक्श में। सवाल किस्से करू मैं जब पराया हु मै तुम रहे दिल में बस जख्म ए किराया हूं मैं तपिश थी तेरे बदन की जो बेमलतब सा सुलग गया अभी वक्त ही कहां गुजरा था ,,, मगर मैं अलग हुआ जवाब की तलाश में आखिर मेने खुद को खोया है तेरी जूठी सी चाहत ने भी मेरे दिल को छुआ है । ©DEEP JAMINDAR "

सवाल सवाल नहीं e - जान जज्बात का कहां गुजारा तूने हर एक पल पिछली रात का तमन्ना जिस्म की क्यों करता है तू "दीप " जब रूह से मुकम्मल है प्यार "दीप " डूब गया वो शक्श , जिसकी कभी ये कहानी थी रूठ गया वो अश्क, जो कभी ना उतरा , रूठी जवानी थी । गहरा है ज़ख़्म जरा सा फिरता रहा मैं तेरे गांव – आवारा सा बेवक्त ही तुजसे दूर हुआ मै मयझाने में गिरा एक तिनका ,, नशे में चूर हुआ मैं अक्सर आशिक़ क्यों मात खा जाता है इश्क में ज़रा सा गम पाकर बह जाता है अक्श में। सवाल किस्से करू मैं जब पराया हु मै तुम रहे दिल में बस जख्म ए किराया हूं मैं तपिश थी तेरे बदन की जो बेमलतब सा सुलग गया अभी वक्त ही कहां गुजरा था ,,, मगर मैं अलग हुआ जवाब की तलाश में आखिर मेने खुद को खोया है तेरी जूठी सी चाहत ने भी मेरे दिल को छुआ है । ©DEEP JAMINDAR

#Identity सवाल नहीं e - जान जज्बात का
कहां गुजारा तूने हर एक पल पिछली रात का
तमन्ना जिस्म की क्यों करता है तू "दीप "
जब रूह से मुकम्मल है प्यार "दीप "
डूब गया वो शक्श , जिसकी कभी ये कहानी थी
रूठ गया वो अश्क, जो कभी ना उतरा , रूठी जवानी थी ।
गहरा है ज़ख़्म जरा सा
फिरता रहा मैं तेरे गांव – आवारा सा

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