अल्हड़" बुरा न मान जो ये ज़माना तुझे बुरा कहे। को | हिंदी कविता

""अल्हड़" बुरा न मान जो ये ज़माना तुझे बुरा कहे। कोई शख्स अब तक हुआ नहीं जो सौ टका खरा रहे।। आदित्य मस्त अल्हड़ ०४/०७/२०२३ ©Aditya Kumar Bharti"

 "अल्हड़" बुरा न मान जो ये ज़माना तुझे बुरा कहे।
कोई शख्स अब तक हुआ नहीं जो सौ टका खरा रहे।।

आदित्य मस्त अल्हड़
०४/०७/२०२३

©Aditya Kumar Bharti

"अल्हड़" बुरा न मान जो ये ज़माना तुझे बुरा कहे। कोई शख्स अब तक हुआ नहीं जो सौ टका खरा रहे।। आदित्य मस्त अल्हड़ ०४/०७/२०२३ ©Aditya Kumar Bharti

#मेरी बुराई

People who shared love close

More like this

Trending Topic