"तुझे मिले जहां सुकून,मै वो छांव बन जाऊ
करे जिससे तु सागर पार, मै वो नाव बन जाऊ
तेरी हर मंजिल की,मै सफल राह बन जाऊ
एक अर्से से तु मांगे जिसे,मै वो चाह बन जाऊ
तेरे होंठों पर आये बेवजह,मै वो मुस्कान बन जाऊ
कभी मांग मुझे दुआओ मे,मै तेरे जिस्म की जान बन जाऊ
©megha Soni"