सोचने से कहां मिलते हैं तमन्नाओं के शहर चलना भी जर | हिंदी शायरी

"सोचने से कहां मिलते हैं तमन्नाओं के शहर चलना भी जरूरी है मंजिल पाने के लिए. 🙏 ©Indian Ink"

 सोचने से कहां मिलते हैं
तमन्नाओं के शहर
चलना भी जरूरी है
मंजिल पाने के लिए.
🙏

©Indian Ink

सोचने से कहां मिलते हैं तमन्नाओं के शहर चलना भी जरूरी है मंजिल पाने के लिए. 🙏 ©Indian Ink

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