रिश्ते में दूरियां कब आती है एहसास मेरे होने का, ना कभी रहा तुझे
तुझे चाहत मेरी जिस्म, की राही
ना पुछा कभी तूने, मेरे दिल का हाल
तुझे फुर्सत अपने,कामों से ना रही
तरस जाती थी,आंखे तेरे दीदार के
लिए और तू,दूर दूर तक नजर आती नहीं
में तन्हाई में ही,अक्सर सो,जाया करता था
तुझे याद करते करते
और एक तुम हो, की मुझे याद करते
ही नहीं
अब दिल को, बर्दास्त करने की हिम्मत नहीं,
तेरी बेवफाई,
इस लिए मैंने अपनी मंजिल,अपनी राह
खुद तुझ से जुदा बनाई
©पथिक
#HumTum