जुगनुओं की तरह सजाया है मैन खुद को, उसको आने से फ | हिंदी Shayari

"जुगनुओं की तरह सजाया है मैन खुद को, उसको आने से फुरसत नही मुझे टिमटिमाने(प्रतीक्षा)से फुरसत नही। ©Harshit Pandey"

 जुगनुओं की तरह  सजाया है मैन खुद को,
उसको आने से फुरसत नही
मुझे टिमटिमाने(प्रतीक्षा)से फुरसत नही।

©Harshit Pandey

जुगनुओं की तरह सजाया है मैन खुद को, उसको आने से फुरसत नही मुझे टिमटिमाने(प्रतीक्षा)से फुरसत नही। ©Harshit Pandey

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