इक आवारा गांव का एक पल उस साम का
इक घड़ी उस वक़्त की जिसमे वो कमबख्त थी
आवारगी की वो नजर जा रूकी एक सख्स पर
सख्स था या जादूगर मोड़ कर उसने नजर
फेंक दी मासूम पर
आह सी आवाज इक दिल में दबकर रह गई
सख्स की कातिल निगाहें आवारे से कुछ कह गई
नासमझ आवारा मैं ना हुई मुझको खबर
इन हसीं लम्हात से वो बन गया मेरा हमसफ़र
YS love
it's my love