White मैने गढ़ लिया है जीवन का नया स्वप्न तुम्हा | हिंदी कविता

"White मैने गढ़ लिया है जीवन का नया स्वप्न तुम्हारे या संसार की कल्पना से बिल्कुल अलग सच भी करूंगी उसे एक दिन तुम्हारे कथ्य को सत्य या असत्य करने के लिए नहीं न ही बदलने के लिए समाज के नजरिए को बल्कि जीवंत रखने के लिए अंतर की कविता को निखारने के लिए प्राणों के दर्पण को एक दिन कमांऊंगी मैं बहुत सारे पैसे संहेजूंगी क ई सारी सुंदर डायरियां बहुत सी किताबें बनाऊंगी एक ऐसा घर जिसमें होंगे मेरे सारे दोस्त! और उनमें रहेंगे शामिल मेरे पसंदीदा सारे पौधे सारे वृक्ष! सभी क्यारियों में लहराऊंगी मै ही जल की स्वछंद धारा में हर बार वसंत में मैं खिलूंगी सुंदर गुलमोहर के फूलों की तरह और वसंत के अंतिम दिनों में रखूंगी सेमल के फूलों की तरह धैर्य मुस्कुराऊंगी अपनी वीरानी के क्षणों में भी या फिर रहूंगी भिन्डी के अद्भुत फूलों के रूप में फलित करूँगी जीवन का सुंदर उदाहरण ........ ...... ©*#_@_#*"

 White 
मैने गढ़ लिया है जीवन का नया स्वप्न 
तुम्हारे या संसार की कल्पना से 
बिल्कुल अलग 
सच भी करूंगी उसे एक दिन 
तुम्हारे कथ्य को सत्य या असत्य करने के लिए नहीं 
न ही बदलने के लिए समाज के नजरिए को 
बल्कि जीवंत रखने के लिए 
अंतर की कविता को 
निखारने के लिए प्राणों के दर्पण को
एक दिन कमांऊंगी मैं बहुत सारे पैसे 
संहेजूंगी क ई सारी सुंदर डायरियां 
बहुत सी किताबें 
बनाऊंगी एक ऐसा घर
 जिसमें होंगे मेरे सारे दोस्त! 
और उनमें रहेंगे शामिल 
मेरे पसंदीदा सारे पौधे 
सारे वृक्ष! 
सभी क्यारियों में लहराऊंगी मै ही 
जल की स्वछंद धारा में 
हर बार वसंत में मैं खिलूंगी
 सुंदर गुलमोहर के फूलों की तरह
और वसंत के अंतिम दिनों में 
 रखूंगी सेमल के फूलों की तरह धैर्य 
मुस्कुराऊंगी अपनी वीरानी के क्षणों में भी 
या फिर रहूंगी भिन्डी के अद्भुत फूलों 
के रूप में 
फलित करूँगी जीवन का 
सुंदर उदाहरण














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White मैने गढ़ लिया है जीवन का नया स्वप्न तुम्हारे या संसार की कल्पना से बिल्कुल अलग सच भी करूंगी उसे एक दिन तुम्हारे कथ्य को सत्य या असत्य करने के लिए नहीं न ही बदलने के लिए समाज के नजरिए को बल्कि जीवंत रखने के लिए अंतर की कविता को निखारने के लिए प्राणों के दर्पण को एक दिन कमांऊंगी मैं बहुत सारे पैसे संहेजूंगी क ई सारी सुंदर डायरियां बहुत सी किताबें बनाऊंगी एक ऐसा घर जिसमें होंगे मेरे सारे दोस्त! और उनमें रहेंगे शामिल मेरे पसंदीदा सारे पौधे सारे वृक्ष! सभी क्यारियों में लहराऊंगी मै ही जल की स्वछंद धारा में हर बार वसंत में मैं खिलूंगी सुंदर गुलमोहर के फूलों की तरह और वसंत के अंतिम दिनों में रखूंगी सेमल के फूलों की तरह धैर्य मुस्कुराऊंगी अपनी वीरानी के क्षणों में भी या फिर रहूंगी भिन्डी के अद्भुत फूलों के रूप में फलित करूँगी जीवन का सुंदर उदाहरण ........ ...... ©*#_@_#*

#स्वप्न

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