Happy International Yoga Day .किसान से बड़ा तपस्वी,साधक और कर्मयोगी और कोई नहीं होता । जिसकी तपस्या का प्रसाद पूरी दुनिया ग्रहण करती है । किसान खुद भूखा रहकर दूसरों का पोषण करता है । जिस समय भीषण गर्मी में दुनिया AC और पंखे की हवा से खुद को गर्मी से बचा रही होती है उस समय किसान तपती धूप में भी अपनी कर्मभूमि में कर्मयोग रूपी तप में रत रहता है । वह भूख ,प्यास, गर्मी ,वर्षा रूपी द्वंद्वों को सहन कर अन्न उगाता है । उसके अन्न रूपी प्रसाद को ना केवल मनुष्य बल्कि पशु पक्षी भी ग्रहण करते हैं । कोरोना की इस भीषण त्रासदी में भी हम सभी को घर बैठे अन्न मिल रहा है । इस बार का योग दिवस कर्मयोगी किसानों के लिये समर्पित करता हूं ।
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