कितनी अजीब सी बात है न.... कोई शख्स जो रोज आपकी नज़रों के सामने है एक दिन हमेशा के लिए चला जाता है और फिर दोबारा कभी नहीं दिखता ....
भाग रहे हैं हम अपनी अलग ही दौड़ में अकेले पता नही किससे जीतना चाहते हैं? ...कहाँ जाना चाहते हैं?....
नहीं पता ..किसी को कोई फर्क नही पड़ रहा ,फर्क पड़ता है तो उनको जो पीछे छूट गए हैं ...
.....रुक जाओ ..साथ लेकर चलो, उनको ..जिनके लिए दौड़ रहे हो, उन्हीं को पीछे छोड़कर ...वरना कहीं ऐसा न हो एक दिन जब मुड़कर देखो तो वहाँ कोई न हो ....कुदरत का ये नियम उन्हें बहुत दूर ले जा चुका हो इस दुनिया की दौड़ से बाहर .....
और ये रेस जीतकर भी तुम हार जाओ......
©deepshi bhadauria
रुक जाओ..