कोई महफ़िल नहीं है, कोई यार नहीं है,
कैसा दौर है कि मेरे साथ मेरे दिलदार नहीं है।
मत घबरा ऐ दिल, है ये दौर कुछ वक़्त का,
हमेशा के लिए तो तू भी मेहमान नहीं है।
वक़्त बदल देता है हर आलम और हालात,
हमेशा तो कभी गम की बरसात नहीं है।
आयेगी तेरे बेपरवाह होकर जीने की रातें भी,
बस समझ ले अभी तेरे लिए कुछ आराम नहीं है।
देखें है ऐसे वक़्त तूने पहले भी जिंदगी में बहुत,
इस वक़्त को बिताना तेरे लिए इक इम्तहान नहीं है।
तेरे लिये सोच रखे होंगे कुछ बेपनाह खुशनुमा लम्हें,
ऊपरवाले के ख्यालों में बस गम के हालात नहीं है।
©black____heart._
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