White 1. ज़िंदगी से शिकवा किसे? ये तो हर रोज़ नए | हिंदी Shayari

"White 1. ज़िंदगी से शिकवा किसे? ये तो हर रोज़ नए सबक सिखाती है, कभी हंसाती है, कभी रुलाती है। 2. ज़िंदगी एक दर्पण है, जो तुझे वही लौटाएगी, जो तू इसे दिखाएगा। ©shayari duniya"

 White 1. 

ज़िंदगी से शिकवा किसे?
ये तो हर रोज़ नए सबक सिखाती है,
कभी हंसाती है, कभी रुलाती है।

2. 

ज़िंदगी एक दर्पण है,
जो तुझे वही लौटाएगी,
जो तू इसे दिखाएगा।

©shayari duniya

White 1. ज़िंदगी से शिकवा किसे? ये तो हर रोज़ नए सबक सिखाती है, कभी हंसाती है, कभी रुलाती है। 2. ज़िंदगी एक दर्पण है, जो तुझे वही लौटाएगी, जो तू इसे दिखाएगा। ©shayari duniya

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