अगर से मगर तक, काश में कही।
मैं अभी भी गुम हूं , अपनी ही तलाश में कही।
दिन न हो तो कौवा मर जाता है मेहनत करके भी।
पानी का सैलाब हो, भले ही पास में कही।
मैंने छीन लिया जो उसके हिस्से की जीत को
वो मर न जाएं, जीत की तलाश में कही।
दिया जो दिल किसी को तो, पड़ जाऊंगा उलझनों में.
मैं अकेला ही न रह जाऊं, इसी एहसास में कही।🤭
©चौधरी अमित वर्मा
#walkalone
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