पढ़ते जा जो भी है तेरे बस्तों में... की पड़ती है | हिंदी Motivation V

" पढ़ते जा जो भी है तेरे बस्तों में... की पड़ती है मंज़िल सिर्फ चलते रास्तों में.. जहाज़ तो सिर्फ तैरते हैं समंदर की लहरों में... की चांद तो सिर्फ शबनमी होता है रात के पहरो में.. सूरज सा कुछ रोशन कर अपना किरदार बैरों में. की फिर इस्तकबाल हो तुम्हारा उनके शहरों में.. @BadRooh ©SOLITUDE "

पढ़ते जा जो भी है तेरे बस्तों में... की पड़ती है मंज़िल सिर्फ चलते रास्तों में.. जहाज़ तो सिर्फ तैरते हैं समंदर की लहरों में... की चांद तो सिर्फ शबनमी होता है रात के पहरो में.. सूरज सा कुछ रोशन कर अपना किरदार बैरों में. की फिर इस्तकबाल हो तुम्हारा उनके शहरों में.. @BadRooh ©SOLITUDE

#RABINDRANATHTAGORE

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