City
"शहर के बारे में"
एक
जिस शहर की रगों में
नहीं बहती है कोई नदी
उस शहर
का दिल से कोई रिश्ता नहीं होता।
दो
धूप में पकती निंबौरियों की
मिठास हवा को सौंधी स्वस्थ गमक से भर देती पर,
शहर से कहाँ ग़ायब हो गए नीम के सारे के सारे दरख़्त ?
तीन शहर में ऊँची-ऊँची इमारतें इमारतों की फुनगी
पर बैठा हुआ कौआ देखता है नीचे और करता है
अट्टहास कि देखो-देखो कितने तुच्छ दिख रहे हैं
ज़मीन पर रेंगते हुए आदमी।
'कुमार अनुपम '
©Nisha Yadav
#nojatohindi
#nishayadav
#CityEvening
#citysunset