।। पढ़ने दो ।।
किसी बंधन में मत बांधो,पहले उसे पढ़ने तो दो।
वो आजाद पंछी है पहले उसे उड़ने तो दो ।।
वो वर्षा अमृत धारा हैं बिना मोड़ॆ बहनें तो दो ।
कद ऊंचा कर देगी तुम्हारा, पर पहले उसे उपर उठने तो दो ।।
मंगलसूत्र का बंधन न दो, विद्या का आलय दो,
मत उलझाओ रिश्तों के जाल में,अभी सिर्फ उस पढ़ने दो ।।
कलम की आज़ादी दो, और उसे पढ़ने दो ।।।
#prakashdwivedi
#prakashdwivedipoetry
।। पढ़ने दो ।।
किसी बंधन में मत बांधो,पहले उसे पढ़ने तो दो।
वो आजाद पंछी है पहले उसे उड़ने तो दो ।।
वो वर्षा अमृत धारा हैं बिना मोड़ॆ बहनें तो दो ।