sunset nature प्रभाती दोहे
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मन में मेरे हरि बसे, रोम रोम में राम।
साँस साँस में हरि बसे, मुख पर है हरि नाम।।
अन्तर मन को शांत कर, लेकर प्रभु का नाम।
पाएगा सुख शांति तू , बिना दिये कुछ दाम ।।
भाषा बोलो प्रेम की , बाँटो केवल प्यार।
नफरत मन से त्याग कर, सुखी करो संसार।।
©Uma Vaishnav
#Bhakti #God #doha