गुमां में थे। कि दिल में है।
खुद से ज्यादा उनकी
हिफाजत करते रहे।।
और वो हमारे दिल में रह कर
हमारे दिल से बग़ावत करते रहे ।।
घर में रहने वाले हमारे
हमारी ख़िलाफत करते रहे।।
अफसोस
वो नफरतें लिए फिर रहा।
हम उस शक्श से मोहब्बत
करते रहे।
©मनु
#chaandsifarish 'दर्द भरी शायरी'