"Kuch अधूरा रह गया अपनी कहानियों में
कुछ दर्द बह गया लहू सा
एक ज़ख्म की nafarmaniyo me
सुकून चाहिए था उसे मेरी aavaragi se उसे
Usaka अहम jo लड़खड़ा गया था
मेरे प्यार की गहराईयों में
उन्हें उड़ना पसंद था इसलिए
इसलिये बेड़ियाँ न डाली थी कभी उनके पैरों में कभी
इश्क़ की आड़ में फरेब खंजर चलाया था उसने
बदकिस्मत है मेरा dil या बदकिस्मती है hamari
तुम क्या कहते ho दोस्त.....
कैसी रही इश्क़ के मामले में किस्मत thumari.....?
©Captain yg
"