अनजान थे, ना जाने कब Jaan बन बैठे,
निगाहें जब से मिली है, ना जाने कब ख्वाब बन बैठे,
उनके दीदार में ये दिल ना जाने कहाँ-कहाँ भटका,
जिसकी उम्मीद ना थी,
कमब्ख्त ना जाने हम कब वही गुनाह कर बैठे..!!
सुना है सच्ची मुहब्बत मुक्कमल नहीं होती,
पर जब से उनके रूह से रूबरू हुए हैं,
हम अपनी जिंदगी मुकम्मल कर बैठे...!!
अनजान थे, ना जाने कब जान बन बैठे..!!
आए थे इश्क़ कि मंजूरी मांगने हमसे
हम भी क्या करते भला
ना-ना करते-2 हाँ कर बैठे 💕
©Miss_Yadav💕 दिल की बात जुबां तक
#loveshayari