हरबार उसे चाहता हु कलसे ज़्यादा
और वो दूर हो जाती है कलसे ज़्यादा
में इश्कमे डूबा हु इसतरह उसे क्या पता
इसबार भी दिल टूटा कलसे ज़्यादा
में रोज़ उठता हु उसका इंतेज़ार करते
और वो गहेरी नींद में है कलसे ज़्यादा
आँखे भी बोली मुजसे अब बसकर,
में अब नही रो पाउंगी कलसे ज़्यादा
और में तो ठहरा फ़क़ीर आवारा
अब क्या हसर हर्षका कलसे ज्यादा
©Harsh Patel
#BreakUp
#alone
#Love