नाराजगी न रख, आ बैठ बात कर। सफर जिन्दगी का जारी र | हिंदी शायरी

"नाराजगी न रख, आ बैठ बात कर। सफर जिन्दगी का जारी रखने के वास्ते, फासलों का कम होना जरूरी है। बयाँ हमसे अपने ख्यालात कर।। नाराजगी न रख.... ©MSW Sunil Saini CENA"

 नाराजगी न रख, 
आ बैठ बात कर।
सफर जिन्दगी का जारी रखने के वास्ते,
फासलों का कम होना जरूरी है।
बयाँ हमसे अपने ख्यालात कर।।
नाराजगी न रख....

©MSW Sunil Saini CENA

नाराजगी न रख, आ बैठ बात कर। सफर जिन्दगी का जारी रखने के वास्ते, फासलों का कम होना जरूरी है। बयाँ हमसे अपने ख्यालात कर।। नाराजगी न रख.... ©MSW Sunil Saini CENA

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