"बस इतना ही दम था
मान ली हार
कहते रहते थे
मुझे कुछ करना है-मुझे कुछ करना है
कहाँ गया वो जोश?
जो इंसान कल तक आकाश की बात करता था..
आज वो काश पे ही अटक गया..."
बस इतना ही दम था
मान ली हार
कहते रहते थे
मुझे कुछ करना है-मुझे कुछ करना है
कहाँ गया वो जोश?
जो इंसान कल तक आकाश की बात करता था..
आज वो काश पे ही अटक गया...