दिल से रिश्ता निभाने वाले, नज़र न आये कहीं।
जिंदगी हँसके बिताने वाले, नज़र न आये कहीं।
हुए शरीक सभी यार मेरी खुशियों में,
गम में अपना जताने वाले, नज़र न आये कहीं।
बहाने दूरियों के सब तलाशते हैं बहुत,
गिले-शिकवे मिटाने वाले, नज़र न आये कहीं।
वफ़ाऐं लूटने का फ़न सभी ने सीख लिया,
वफ़ाऐं अपनी लुटाने वाले, नज़र न आये कहीं l
अपनी मजबूरियों का दुखड़ा बयाँ सबने किया,
तसल्ली मन को दिलाने वाले, नज़र न आये कहीं।
दिल से रिश्ता निभाने वाले, नज़र न आये कहीं।
जिंदगी हँसके बिताने वाले, नज़र न आये कहीं।
#Self_written ....✍️
©The creativity of Anil Rathore
दिल से रिश्ता निभाने वाले, नज़र न आये कहीं।
जिंदगी हँसके बिताने वाले, नज़र न आये कहीं।
हुए शरीक सभी यार मेरी खुशियों में,
गम में अपना जताने वाले, नज़र न आये कहीं।
बहाने दूरियों के सब तलाशते हैं बहुत,
गिले-शिकवे मिटाने वाले, नज़र न आये कहीं।