तुम कहते हो कि तुम्हें बारिश पसंद है, लेकिन जब बारिश होती है तो तुम अपना छाता खोल लेते हो। तुम कहते हो कि तुम्हें सूरज पसंद है, लेकिन जब सूरज चमकता है तो तुम छायादार जगह ढूँढ़ लेते हो। तुम कहते हो कि तुम्हें हवा पसंद है, लेकिन जब हवा चलती है तो तुम अपनी खिड़कियाँ बंद कर लेते हो। यही कारण है कि मुझे डर है, तुम कहते हो कि तुम भी मुझसे प्यार करते हो।
©Riya Shukla
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