मैं हमेशा उसे छत पर खड़ा होकर निहारता था वो खिड़की और झरोखे से मुझे ही झांकती थी गुफ्तगू करने के शौकीन तो न थे हम दोनों हुस्न ए दीदार से हमारी बातें खत्म हो जाती थी ©प्रतीक सिंघल 'प्रेमी' #jharokha #guftagu #husn_e_didar #Shaayari #Quote लव शायरी हिंदी में दोस्त शायरी शेरो शायरी हिंदी शायरी शायरी हिंदी Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto