Forgive & Forget महज़ कुछ चंद लम्हों की वो पूरी सी | हिंदी कविता

"Forgive & Forget महज़ कुछ चंद लम्हों की वो पूरी सी कहानी है, बुढ़ापा दर्द में उसका, अधूरी सी ज़वानी है। छुपा ली पेट की सलवट निवालों के लिए तेरे, पिता की अनकही गुत्थी ये बच्चों को बतानी है।। ✍🏻कपिल वीरसिंह ©Kapil Tomer"

 Forgive & Forget महज़ कुछ चंद लम्हों की वो पूरी सी कहानी है,
बुढ़ापा दर्द में उसका, अधूरी सी ज़वानी है।
छुपा ली पेट की सलवट निवालों के लिए तेरे,
पिता की अनकही गुत्थी ये बच्चों को बतानी है।।
✍🏻कपिल वीरसिंह

©Kapil Tomer

Forgive & Forget महज़ कुछ चंद लम्हों की वो पूरी सी कहानी है, बुढ़ापा दर्द में उसका, अधूरी सी ज़वानी है। छुपा ली पेट की सलवट निवालों के लिए तेरे, पिता की अनकही गुत्थी ये बच्चों को बतानी है।। ✍🏻कपिल वीरसिंह ©Kapil Tomer

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