मिटे वो दिल जो तेरे ग़म को ले के चल न सके वही चिर | हिंदी शायरी Video

"मिटे वो दिल जो तेरे ग़म को ले के चल न सके वही चिराग़ बुझाये गये जो जल न सके हम इस लिए नयी दुनिया के साथ चल न सके कि जैसे रंग यह बदलती है हम बदल न सके मैं उन चिराग़ों की उम्रे - वफ़ा को रोता हूं जो एक शब भी मेरे दिल के साथ जल न सके मैं वो मुसाफ़िर- ग़मगीं हूं जिसके साथ ' वसीम ' खिज़ां के दौर भी कुछ दूर चल के चल न सके प्रो वसीम बरेलवी मुसाफ़िर- ग़मगीं = दुखी यात्री ©Aradhana Sharma "

मिटे वो दिल जो तेरे ग़म को ले के चल न सके वही चिराग़ बुझाये गये जो जल न सके हम इस लिए नयी दुनिया के साथ चल न सके कि जैसे रंग यह बदलती है हम बदल न सके मैं उन चिराग़ों की उम्रे - वफ़ा को रोता हूं जो एक शब भी मेरे दिल के साथ जल न सके मैं वो मुसाफ़िर- ग़मगीं हूं जिसके साथ ' वसीम ' खिज़ां के दौर भी कुछ दूर चल के चल न सके प्रो वसीम बरेलवी मुसाफ़िर- ग़मगीं = दुखी यात्री ©Aradhana Sharma

#gazal

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