********** जिस घर में बुजुर्गों का, सदा सम् | हिंदी कविता

"********** जिस घर में बुजुर्गों का, सदा सम्मान होता है ! वो घर, घर ही नहीं कोई , पावन धाम होता है ! नहीं ढूँढे से भी मिलती यहाँ खुशियाँ ज़माने में... मगर उस घर में खुशियों का सदा विश्राम होता है ! *********** ©मनोज कौशिक"

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जिस  घर  में  बुजुर्गों  का,  सदा  सम्मान  होता  है !
वो  घर, घर  ही नहीं  कोई , पावन  धाम  होता  है !
नहीं ढूँढे से भी मिलती यहाँ खुशियाँ ज़माने में...
मगर उस घर में खुशियों का सदा विश्राम होता है !

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©मनोज कौशिक

********** जिस घर में बुजुर्गों का, सदा सम्मान होता है ! वो घर, घर ही नहीं कोई , पावन धाम होता है ! नहीं ढूँढे से भी मिलती यहाँ खुशियाँ ज़माने में... मगर उस घर में खुशियों का सदा विश्राम होता है ! *********** ©मनोज कौशिक

"विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस " पर बुजुर्गों को सादर वन्दन..........!

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