पहचानो असली कौन व नकली कौन ?
अनिरुद्ध आचार्य जी कहते हैं की व्रज का अर्थ आना होता है। श्री कृष्ण जी अपनी शरण में आने को कह रहे हैं।
जबकि संत रामपाल जी महाराज ने पवित्र गीता जी अध्याय 18 श्लोक 62, 66 तथा बहुत से अन्य श्लोकों का उदाहरण देते हुए बताया है कि गीता ज्ञान दाता अपने से अन्य किसी और पूर्ण परमात्मा की शरण में जाने को कह रहा है।