""जिंदगी की शाम चाय तेरे नाम "
बैठ कर किसी कोन में ,
बीता देता हूं
में जिंदगी की शाम।
चाय की सिर्फ एक चुस्की से
बना ही लेता हूं,
में जिंदगी की शाम।।
डायरी के पन्नो में कैद
अपनी यादों को पढ़कर।
सजा ही लेता हूं
में जिंदगी की शाम।।
राहुल साहू"
"जिंदगी की शाम चाय तेरे नाम "
बैठ कर किसी कोन में ,
बीता देता हूं
में जिंदगी की शाम।
चाय की सिर्फ एक चुस्की से
बना ही लेता हूं,
में जिंदगी की शाम।।
डायरी के पन्नो में कैद
अपनी यादों को पढ़कर।
सजा ही लेता हूं
में जिंदगी की शाम।।
राहुल साहू