वो हवा को भी पकड़ना जानती है राइ को पर्वत भी करना | हिंदी शायरी

"वो हवा को भी पकड़ना जानती है राइ को पर्वत भी करना जानती है इक पड़ोसन मेरी है वो मिलो ग़र बैल को बेटा जनाना जानती है ©Narendra Pareek"

 वो हवा को भी पकड़ना जानती है
राइ को पर्वत भी करना जानती है
इक पड़ोसन मेरी है वो मिलो ग़र
बैल को बेटा जनाना जानती है

©Narendra Pareek

वो हवा को भी पकड़ना जानती है राइ को पर्वत भी करना जानती है इक पड़ोसन मेरी है वो मिलो ग़र बैल को बेटा जनाना जानती है ©Narendra Pareek

#ManKeUjaale #पड़ोसन
#Narendra Pareek

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