जय माता दी हर-हर महादेव मैं किसी जाति, पंथ व धर्म | हिंदी विचार

"जय माता दी हर-हर महादेव मैं किसी जाति, पंथ व धर्म समुदाय की विरोधी नहीं हूं, लेकिन सनातनी होने पर गर्व है। हमारे सनातन धर्म में रोज सुबह उठकर, पित्रों व देवी -देवताओं को प्रणाम करने की परम्परा है। हमारे यहां कुलदेवी,कुलदेवता,पित्रदेव , गुरुदेव, ईष्ट देव तो होते ही है लेकिन हमारे धर्म की सबसे बड़ी खुबसूरती यह है कि धरती मां, गौमाता, वायु देवता, सुर्य भगवान, गोवर्धन पर्वत, गंगा माता, अन्न देवता भी होते हैं। हमारे यहां कण कण में परमात्मा को देखा गया है। ©Aadishakti Shivpriya Parivar"

 जय माता दी
हर-हर महादेव
मैं किसी जाति, पंथ व धर्म समुदाय की विरोधी नहीं हूं,
 लेकिन सनातनी होने पर गर्व है। हमारे सनातन धर्म में रोज सुबह उठकर, पित्रों व देवी -देवताओं को प्रणाम करने की परम्परा है।
हमारे यहां कुलदेवी,कुलदेवता,पित्रदेव , गुरुदेव, ईष्ट देव तो होते ही है लेकिन हमारे धर्म की सबसे बड़ी खुबसूरती यह है कि धरती मां, गौमाता, वायु देवता, सुर्य भगवान, गोवर्धन पर्वत, गंगा माता, अन्न देवता भी होते हैं।
हमारे यहां कण कण में परमात्मा को देखा गया है।

©Aadishakti Shivpriya Parivar

जय माता दी हर-हर महादेव मैं किसी जाति, पंथ व धर्म समुदाय की विरोधी नहीं हूं, लेकिन सनातनी होने पर गर्व है। हमारे सनातन धर्म में रोज सुबह उठकर, पित्रों व देवी -देवताओं को प्रणाम करने की परम्परा है। हमारे यहां कुलदेवी,कुलदेवता,पित्रदेव , गुरुदेव, ईष्ट देव तो होते ही है लेकिन हमारे धर्म की सबसे बड़ी खुबसूरती यह है कि धरती मां, गौमाता, वायु देवता, सुर्य भगवान, गोवर्धन पर्वत, गंगा माता, अन्न देवता भी होते हैं। हमारे यहां कण कण में परमात्मा को देखा गया है। ©Aadishakti Shivpriya Parivar

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