"हर बेहना अपने भाई के लिए
भूखे प्यासे सदा मंन्ते मांगती है।
खुश रहे आवाद रहे भैया हमारा,
फिर भी रास्ते में क्यों ये लफंगे
सता रहा।
कौन है वह जालीम पतीत अवारा
जो बीच राह पर चल रही बहनों को सता रहा।।"
हर बेहना अपने भाई के लिए
भूखे प्यासे सदा मंन्ते मांगती है।
खुश रहे आवाद रहे भैया हमारा,
फिर भी रास्ते में क्यों ये लफंगे
सता रहा।
कौन है वह जालीम पतीत अवारा
जो बीच राह पर चल रही बहनों को सता रहा।।