#5LinePoetry मैं हूँ शायर भी और शराबी भी
कोई अंधभक्त क्या भिड़ेगा मुझसे
मैं हूँ फ़िर पुराना पापी भी
तोड़ के जोड़ दूँ फ़िर इन्हे
ना दूंगा माफ़ी भी
इनका जुलुस निकालूँगा मैं
बना दूंगा झांकी भी
Jaane kya raaz usne aankho se bola hai
Dil pe ese lga jese bhaang ka gola hai
Pal do pal ka pyar karte hai aajkal ke bachche
Karte hai jese jese kiye ho saste nashe
Ab peeli jo bhang
Saare ho jayenge tang
तीरगी की स्याही में घुली हुई हैं तक़दीरें
जिसके जी का हाल वो ही जानता है
बाकी दुनिया करतीं है तकरीरें
इन अल्फाज़ो शामिल है इक दर्द भी
तुमने पढ़ी होंगी सिर्फ तहरीरें
किसी दिन दिखाऊं तुझे ज़िन्दगी की मिटी सुलेख
किसी शाम मेरे साथ पी कर देख
फ़िर से वही बचपन का ताज रख
ऐ माँ उकता गया हूँ दुनिया से
मेरे सर पे हाथ रख
©qais majaz,soofi
#5LinePoetry