White दुनिया में रंजिशो का मौसम बदलना होगा
दूसरे को नहीं हमें खुद ही संभलना होगा
जंग से नहीं जीत सका दिल कोई किसी का
नफरती दौर में मुहब्बत से हल निकलना होगा
खुद ही लड़खड़ा कर संभलना पड़ेगा हमें बेखबर
हर कदम पर यहां साजिशों का फिसलना होगा
मुहब्बत खुद अपनी जगह बना लेगी एक दिन
दुनिया में जब भीड़ से आदमी का निकलना होगा
©Anuj thakur "बेख़बर"
संभलना