✍सुन ले बैरी✍
बहुत हुई शांति वार्ता,
सुन ले बैरी अब तो निश्चित रण होगा...
बहुत सहा तेरी नापाक हरकतों को,
अंजाम इसका अब भीषण होगा।
तेरी करतूतों से आँसू सबके छलकते थे,
तेरी करतूतों से अपने बहुत बिलखते थे,
जाग गया सोया बब्बर शेर इस बार,
हर आँसू का यह बदला लेगा...
पत्थर से पत्थर टकराया है,
निश्चित ही अब घर्षण होगा...।
बहुत हुई शांति वार्ता,
सुन ले बैरी, अब तो निश्चित रण होगा...
©dadhichpraveensharma
✍सुन ले बैरी✍
बहुत हुई शांति वार्ता,
सुन ले बैरी अब तो निश्चित रण होगा...
बहुत सहा तेरी नापाक हरकतों को,
अंजाम इसका अब भीषण होगा।
तेरी करतूतों से आँसू सबके छलकते थे,