तुम हो मैं हु ये लम्हा यहीं है।
कहीं इतना प्यारा नजारा नही है।
तुम हो जहां मेरी दुनिया वही है।
वरना मेरी जान जीना नही है।
वरना मेरी जा। अब जीना नही है।
मेरी हाथो की लकीरों तुम हो पता है
मेरी तकदीरों में तुम हो पता है
थम जाएगा ये पल ये भी पता है।
बस ये जीवन है कितना ये किसको पता है।
ये जीवन है कितना ये किसको पता है।।
©Romit Mishra
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