ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिशे हो तो भीग जाया | हिंदी विचार

"ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिशे हो तो भीग जाया कर । चांद लाकर कोई नहीं देगा , खुद के चेहरे से जगमगाया कर ।। ©Belal Ahmad"

 ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर,
बारिशे हो तो भीग जाया कर ।
चांद लाकर कोई नहीं देगा ,
खुद के चेहरे से जगमगाया कर ।।

©Belal Ahmad

ख़ुद को इतना भी मत बचाया कर, बारिशे हो तो भीग जाया कर । चांद लाकर कोई नहीं देगा , खुद के चेहरे से जगमगाया कर ।। ©Belal Ahmad

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