मैं नही जानता कि मैं किसी को नही समझ पाया या कोई मुझे नही जान पाया ,में तो केवल इतना ही जानता हूं की मैं इंसान बनकर जन्म लिया हूं और इंसानियत ही मेरा धर्म भी है कर्म भी और कर्तव्य भी ...सांसे तो गिनती की मिली हुई हैं ,इन्हे तो खत्म होना ही है ,में रहूं न रहूं दुनियां का सफर तो यूं ही चलता ही रहेगा 🙏🙏
©Padmesh Pandey
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