काश वो समझते इस दिल की तड़प को, तो हमें यूँ रुसवा न | हिंदी Shayari

"काश वो समझते इस दिल की तड़प को, तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता, यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें, बस एक बार हमें समझ तो लिया होता"

 काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता

काश वो समझते इस दिल की तड़प को, तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता, यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें, बस एक बार हमें समझ तो लिया होता

#Earth_Day_2020

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